पूरे विश्व में बहुत तेजी से बढ़ रही लाइलाज बीमारी COPD की रोकथाम व आयुष चिकित्सा उपचार प्रदान करने के उद्देश्य से हम पूरे देश में निःशुल्क COPD केअर यूनिट की स्थापना कर रहे हैं, हमारे इस अभियान में भागीदारी हेतु देश के सभी शिक्षित युवाओं को हम आमंत्रित करते हैं
COPD क्या है ?
क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज (सीओपीडी) एक ऐसी बीमारी है जो हर साल 30 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले रही है। वहीं अनुमान है कि 40 करोड़ लोग यानी दुनिया की करीब पांच फीसदी आबादी इस बीमारी का शिकार है। इनमें से तीन-चौथाई वो हैं जो निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रह रहे हैं। लेकिन क्या आपने सोचा है कि इस बीमारी की सबसे बड़ी वजह क्या है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक धूम्रपान यानी स्मोकिंग इसके प्रमुख कारणों में से एक है। इस बारे में डब्ल्यूएचओ द्वारा साझा जानकारी के मुताबिक अमीर देशों में सीओपीडी के 70 फीसदी से अधिक मामलों की वजह तंबाकू और धूम्रपान हैं।
वहीं निम्न और मध्यम आय वाले देशों में इस बीमारी के 30 से 40 फीसदी मामलों के लिए धूम्रपान जिम्मेवार है। साथ ही बेतहाशा बढ़ रहा वायु प्रदूषण भी बढ़ते जोखिम की एक प्रमुख वजह है।
गौरतलब है कि क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज, जिसे सीओपीडी के नाम से भी जाना जाता है कोई एक रोग न होकर, बीमारियों का एक ऐसा समूह है जिमसें मरीज के लिए सांस लेना मुश्किल हो जाता है। इसकी वजह से मरीज को लगातार खांसी और बलगम की समस्या बनी रहती है। बता दें कि क्रॉनिक ब्रॉन्काइटिस से पीड़ित अधिकांश लोगों को सीओपीडी होता है।
यह लम्बे समय में बढ़ने वाली बीमारी है, यही वजह है कि इसके लक्षण समय के साथ धीरे-धीरे सामने आते हैं। इस बीमारी में रोगी के फेफड़ों के वायुमार्ग सिकुड़ जाते हैं, और सांस लेने में कठिनाई के साथ-साथ शरीर के अंदर से पर्याप्त कार्बन डाइऑक्साइड बाहर नहीं निकल पाती।
COPD आयुष उपचार
जैसा कि WHO का कहना है कि आधुनिक चिकित्सा पद्धति में COPD का कोई इलाज नहीं है वहीं आयुष चिकित्सा पद्धतियों द्वारा क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज (COPD) की न सिर्फ तेजी से रोकथाम संभव है बल्कि उपचार भी संभव है।
प्राणायाम, आयुर्वेदिक खाद्य पूरक व होमियोपैथी दवाओं के माध्यम से क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज (COPD) का पूर्ण निदान संभव है, पूरी दुनियाँ ने देखा है कि कोरोना कोविड 19 से जनसंख्या आधार पर देखा जाये तो सबसे कम क्षति भारत को हुई है, इसका मुख्य कारण आयुष चिकित्सा पद्धतियों के उपयोग ही हैं, जिसको बाद में WHO ने भी स्वीकार किया और आयुष चिकित्सा पद्धतियों के विकास पर कार्य करने की सलाह भी दी थी।
संजीवनी वेलफेयर सोसायटी स्ववित्तपोषित परियोजना मिशन हेल्दी इंडिया के माध्यम से वर्ष 2013 से लगतार आयुष चिकित्सा पद्धतियों के विस्तार हेतु प्रचार - प्रसार व तेजी से बढ़ रहे असाध्य व जटिल रोगों की रोकथाम, जागरूकता व उपचार पर कार्य कर रही है।
संस्था क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज (COPD) से विश्व को मुक्त कराने की भागीरथी प्रयास कर रही है और न सिर्फ देश बल्कि पूरे विश्व से आह्वान करती है कि संस्था के साथ विश्व को क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज (COPD) से मुक्त करने में सहयोग प्रदान करें।
COPD के लक्षण
पुरानी खाँसी, सांस लेने में तकलीफ, सीने में जकड़न व घरघराहट, बार - बार स्वसन संक्रमण, थकान, व्यायाम सहसीलता में कमी, नींद न आना आदि COPD के लक्षण हैं।
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